कॉपर की कीमतों का असर, ये शेयर पहुंचा 15 साल के उच्च स्तर पर
सरकारी कंपनी हिंदुस्तान कॉपर के शेयरों में 26 दिसंबर को जबरदस्त तेजी देखने को मिली. शेयर करीब 8 फीसदी उछलकर 473 रुपये पर पहुंच गया, जो नवंबर 2010 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. इस तेजी की बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में तांबे की कीमतों का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचना है. खासतौर पर शंघाई में सप्लाई की कमी के चलते कॉपर के भाव नई ऊंचाई पर पहुंच गए |
निफ्टी मेटल इंडेक्स में टॉप गेनर
हिंदुस्तान कॉपर 26 दिसंबर को निफ्टी मेटल इंडेक्स का टॉप गेनर रहा. जहां निफ्टी मेटल इंडेक्स करीब 0.2 फीसदी बढ़ा, वहीं हिंदुस्तान कॉपर ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया | कंपनी के शेयरों में इस हफ्ते कुल 21 फीसदी की तेजी आई है, जो दिसंबर 2023 के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त है |
2025 में अब तक 89% की तेजी
साल 2025 में अब तक हिंदुस्तान कॉपर का शेयर करीब 89 फीसदी चढ़ चुका है. यह मेटल इंडेक्स में सबसे ज्यादा बढ़ने वाला शेयर बन गया है | इसी अवधि में मेटल इंडेक्स कुल मिलाकर 24 फीसदी बढ़ा है. इससे साफ है कि हिंदुस्तान कॉपर ने बाजार के औसत प्रदर्शन को काफी पीछे छोड़ दिया है |
वैश्विक बाजार में कॉपर की रिकॉर्ड कीमतें
अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज पर तांबे की कीमत 2.7 फीसदी बढ़कर 98,780 युआन प्रति टन पहुंच गई. वहीं अमेरिका के कॉमेक्स एक्सचेंज पर यह 3 फीसदी उछलकर 5.743 डॉलर प्रति पाउंड तक पहुंच गई. कमजोर अमेरिकी डॉलर और 2026 में सप्लाई और सख्त होने की आशंका से तांबे की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है |
आगे क्या, मुनाफावसूली या और तेजी?
विश्लेषकों का मानना है कि इन ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन कंपनी के मजबूत फंडामेंटल्स और वैश्विक कॉपर कीमतों का सपोर्ट शेयर को आगे भी मजबूती दे सकता है. सितंबर तिमाही में कंपनी के मुनाफे में साल-दर-साल अच्छी बढ़ोतरी हुई है |
भारत में बढ़ती मांग से मिलेगा फायदा
ब्रोकरेज हाउसों के मुताबिक, भारत में 2030 तक तांबे की मांग तेजी से बढ़ने वाली है. कंस्ट्रक्शन, इंडस्ट्री, बिजली और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर से मजबूत मांग की उम्मीद है. ऐसे में हिंदुस्तान कॉपर देश की खनिज सुरक्षा और लंबी अवधि की जरूरतों में अहम भूमिका निभाता नजर आ रहा है |

