आज पूरा छत्तीसगढ़ बंद….धर्मांतरण के मुद्दे पर ‘सर्व समाज’ की बड़ी हुंकार, जानें किन सेवाओं पर पड़ेगा असर

Chhattisgarh Bandh: बीते दिनों कांकेर जिले के आमाबेड़ा इलाके के बड़े तेवड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर आदिवासी और धर्मांतरित समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई. इसके बाद से हिंदू समाज में काफी आक्रोश है. इस घटना के विरोध में छत्तीसगढ़ सर्व समाज ने आज प्रदेशव्यापी छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है.

आज छत्तीसगढ़ बंद, धर्मांतरण के विरोध में सर्व समाज का आह्वान
वहीं छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स और छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन ने बंद को पूरा समर्थन देने की घोषणा की है. चैंबर का कहना है कि, व्यापारी समाज इस बंद में सहयोग करेगा और दुकानदारों से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की गई है.

कांकेर में निकलेगी रैली
कांकेर में सुबह 11 बजे वंदे मातरम स्थल से कांकेर डोम तक रैली निकलेगी. रैली में सर्व समाज के लोग शामिल होंगे. जहां वे सर्व समाज ने 5 सूत्री मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे.

सर्व समाज 5 सूत्री मांगों को लेकर सौंपेगी ज्ञापन
राज्य में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक को यथाशीघ्र प्रभावी एवं सख्ती के साथ लागू किया जाए, जिससे प्रलोभन, दबाव अथवा षड्यंत्रपूर्वक किए जा रहे धर्मांतरण पर नियंत्रण स्थापित हो सके। साथ ही पूरे प्रदेश में कन्वर्जन के माध्यम से उत्पन्न की जा रही सामाजिक वैमनस्य की परिस्थितियों को गम्भीरता से लेते हुए शासन-प्रशासन सख्ती बरतें, एवं दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे.
कांकेर जिले में जनजातीय समाज पर हुए संगठित हमले के लिए जिम्मेदार भीम आर्मी से जुड़े तत्वों एवं कन्चटेंड ईसाई समूहों के सभी आरोपियों के विरुद्ध कठोरतम धाराओं के अंतर्गत तत्काल कार्रवाई की जाए.
जनजातीय समाज के लोगों के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने तथा शांतिपूर्ण ग्रामीणों पर असंगत एवं अत्यधिक पुलिस बल का प्रयोग करने के गंभीर आरोपों को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक, कांकेर इंदिरा कल्याण एलेसेला का शासन द्वारा किया गया स्थानांतरण पर्याप्त नहीं है. हमारी मांग है कि उन्हें तत्काल निलंबित किया जाए तथा उनकी संदिग्ध भूमिका की स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच कराई जाए.
शव दफन की प्रक्रिया के दौरान पक्षपातपूर्ण प्रशासनिक रवैया अपनाने तथा हिंदू समाज पर दुर्भावनापूर्ण एवं असत्य आरोप लगाने वाले एसडीएम ए.एस. पैकरा एवं तहसीलदार सुधीर खलखो को निलंबित कर उनकी संदिग्ध भूमिका की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए.
जनजातीय ग्रामीणों के विरुद्ध पक्षपातपूर्ण ढंग से की गई पुलिस एवं प्रशासनिक कार्रवाइयों को तत्काल निरस्त किया जाए, उन पर लगाए गए आपराधिक प्रकरणों एवं धाराओं को वापस लिया जाए, तथा हिंसा एवं बल प्रयोग से पीड़ित ग्रामीणों को समुचित मुआवजा प्रदान किया जाए.
 

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