जबलपुर में बिजली बिल की ठगी का नया मामला, विभाग ने जारी की एडवाइजरी
जबलपुर | लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए साइबर ठग नए-नए तरीके अपना रहे हैं. सरकार और प्रशासन साइबर ठगी से बचने के लिए लगातार जन-जागरूकता अभियान तो चला रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी साइबर ठग अपने नए-नए तरीकों से लोगों को फंसा रहे हैं और लाखों रुपये की ठगी कर रहे हैं. जबलपुर में अब ऐसे ही कुछ मामले सामने आए हैं, जिनमें बिजली उपभोक्ताओं को ऑनलाइन बिल जमा कराने के नाम पर ठगी की जा रही है |
बिजली विभाग के अधिकारी बनकर की जा रही ठगी
दरअसल, जबलपुर में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को जागरूक रहने के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है. पिछले दो दिनों में विद्युत वितरण कंपनी के पास कई शिकायतें पहुंची हैं, जिनमें कहा गया है कि साइबर ठग पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी बनकर ऑनलाइन बिजली बिल जमा करने की बात कह रहे हैं और फिर लिंक या बैंक अकाउंट की जानकारी लेकर ठगी की जा रही है. बीते दो दिनों में शहरी क्षेत्र में सैकड़ों उपभोक्ताओं के पास इन जालसाजों ने फोन कर उन्हें अपना शिकार बनाया है. इस तरह की घटनाओं के संज्ञान में आने के बाद पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने एडवाइजरी जारी करते हुए पुलिस में शिकायत करने के साथ उपभोक्ताओं को अलर्ट रहने की अपील की है |
ठग उपभोक्ताओं से मांगते हैं यूपीआई पेमेंट का विवरण
कुछ घटनाओं में यह जानकारी सामने आई है कि साइबर ठग बिजली बिल कंपनी के अधिकारी बनकर उपभोक्ताओं को कॉल कर रहे हैं. कॉल के नंबर पर ‘इलेक्ट्रिसिटी बिजली अपडेट सर्विस’ लिखा आता है, जिसकी वजह से उपभोक्ता इन जालसाजों के झांसे में आ जाते हैं. फोन उठाने के बाद ठग ऑनलाइन पेमेंट के जरिए बिल जमा करने का दबाव बनाते हैं. जो उपभोक्ता ऑनलाइन बिल जमा कर चुका होता है, उससे उसकी यूपीआई पेमेंट सर्विस का विवरण मांग लिया जाता है. जल्दबाजी में उपभोक्ता डिटेल भेज देता है और ठगी का शिकार हो जाता है |
विद्युत कंपनी ने उपभोक्ताओं को किया जागरूक
पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी ने स्पष्ट किया है कि किसी भी उपभोक्ता को ऑनलाइन बिल जमा करने के लिए कॉल नहीं किया जाता और न ही व्हाट्सएप या एसएमएस पर उपभोक्ताओं से यूपीआई पासवर्ड या बैंक से जुड़ी कोई जानकारी मांगी जाती है. बिजली बिल ओटीपी मशीन या बिजली कंपनी के अधिकृत ऐप से ही जमा होते हैं, जो पूरी तरह से साइबर सिक्योर होते हैं. साइबर ठगी करने वाले इंटरनेट के जरिए फेक कॉल करते हैं, इसलिए ऐसी कॉल रिसीव करने की बजाय उन्हें दोबारा फोन लगाकर जांच करें, क्योंकि फेक कॉल्स पर दोबारा संपर्क नहीं हो पाता. बिजली उपभोक्ताओं को किसी भी अज्ञात लिंक या ऐप से बिजली बिल जमा न करने की भी सलाह दी गई है |

