अब किराने की दुकानें भी रिलायंस के रंग में रंगेंगी, मुकेश अंबानी का प्लान तैयार

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज जब किसी सेक्टर में उतरती है, तो बाजार की हलचल तेज हो जाती है. टेलीकॉम और रिटेल के बाद अब रिलायंस की नजर आपके किचन और रोजमर्रा के सामान (FMCG) पर है. कंपनी ने अपने कंज्यूमर गुड्स कारोबार को विस्तार देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (RCPL) ने अपनी अधिकृत शेयर पूंजी  को 100 गुना बढ़ा दिया है. जो पूंजी पहले महज 100 करोड़ रुपये थी, वह अब बढ़ाकर सीधे 10,000 करोड़ रुपये कर दी गई है |

10,000 करोड़ की पूंजी का क्या है मतलब?

रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) में दाखिल किए गए दस्तावेजों से साफ होता है कि कंपनी अपने खजाने का मुंह खोलने के लिए तैयार है. इस बढ़ी हुई पूंजी में 10 रुपये की वैल्यू वाले 600 करोड़ इक्विटी शेयर और इतने ही मूल्य वाले 400 करोड़ प्रेफरेंस शेयर शामिल किए गए हैं |

आसान भाषा में समझें तो अधिकृत पूंजी बढ़ाने का मतलब है कि कंपनी अब भविष्य में नए शेयर जारी करके बाजार से या अपने निवेशकों से भारी भरकम फंड जुटा सकती है. रिलायंस ने स्पष्ट किया है कि यह तैयारी रिलायंस रिटेल वेंचर्स के शेयरधारकों को नए शेयर देने और कंपनी की भविष्य की फंडिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई है. यानी आने वाले दिनों में कंपनी नए ब्रांड्स खरीदने या अपने विस्तार पर बड़ा खर्च कर सकती है |

बाजार के दिग्गजों को मिलेगी सीधी चुनौती

रिलायंस के इस कदम का सीधा असर बाजार में पहले से जमी हुई बड़ी कंपनियों पर पड़ेगा. कंपनी का इरादा हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), आईटीसी (ITC), कोका-कोला और नेस्ले जैसी दिग्गज कंपनियों को कड़ी टक्कर देने का है. अब तक एफएमसीजी सेक्टर में इन पुरानी कंपनियों का एकतरफा राज रहा है, लेकिन रिलायंस अपनी भारी-भरकम पूंजी और सप्लाई चेन के दम पर इस समीकरण को बदलने की कोशिश में है |

अंदरखाने में हुआ है बड़ा बदलाव

कंपनी के स्ट्रक्चर में भी 1 दिसंबर से बड़ा बदलाव लागू हो चुका है. अब रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (RCPL) रिलायंस रिटेल के नीचे काम करने वाली कंपनी नहीं रही, बल्कि यह अब सीधे रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी बन गई है. इस पुनर्गठन के तहत रिलायंस रिटेल के सभी एफएमसीजी ब्रांड्स को RCPL में शिफ्ट कर दिया गया है |

दिलचस्प बात यह है कि इस नई कंपनी का मालिकाना हक  बिल्कुल वैसा ही रखा गया है जैसा रिलायंस रिटेल वेंचर्स का है. इसमें करीब 83.56 फीसदी हिस्सा रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास है, जबकि बाकी हिस्सेदारी सिल्वर लेक, KKR और मुबाडाला जैसे नौ बड़े वैश्विक निवेशकों के पास है |

दोगुना हुआ कारोबार, फैक्ट्रियों पर जोर

रिलायंस सिर्फ कागजी बदलाव नहीं कर रही, बल्कि जमीनी स्तर पर भी तेजी दिखा रही है. कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में उसका एफएमसीजी कारोबार दोगुना हो गया है. जुलाई से सितंबर की तिमाही में ही कंपनी ने 5,400 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की. हाल ही में रिलायंस ने ‘Sil’ जैसे पुराने ब्रांड को फिर से बाजार में उतारा है और उदयम्स एग्रो फूड्स में हिस्सेदारी खरीदी है |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *