त्योहारी सीजन में Link या Offer पर क्लिक करने से पहले Check कर लें ये बातें, वरना लग सकता है चूना
त्योहारों पर ठगी और फ्रॉड के मामले बढ़ जाते हैं क्योंकि लोग ऑफर और लिंक्स के चक्कर में आकर ठगों के जाल में फंस जाते हैं। ऐसे में ऑनलाइन शापिंग और ऑफरों की आड़ में ठगी से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना विशेष जरूरी है।
त्योहारी सीजन में बाजारों से लेकर ऑनलाइन प्लेटफार्म तक खरीदारी की रौनक है, वहीं साइबर ठगों ने भी जाल बिछा दिए हैं। ऑनलाइन शापिंग और ऑफरों की आड़ में ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। रायपुर साइबर पुलिस ने लोगों को आगाह करते हुए कहा है कि त्योहार उनके लिए भी मौका बन जाता है, इसलिए किसी भी लिंक या आफर पर क्लिक करने से पहले अच्छी तरह जांच करें।
ऑफलाइन ठगी का नया तरीका
अब ठग ऑफलाइन तरीकों से भी लोगों को फंसा रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर कंपनी बंद हो रही है, सारा स्टॉक सस्ते में बेच रहे हैं, जैसे विज्ञापन डालकर लोगों को नकली उत्पाद या अधूरे आर्डर भेजे जा रहे हैं।
ऑफरों के बहाने खाली हो सकता है खाता
इन दिनों दिवाली, करवा चौथ की खरीदारी को लेकर आनलाइन वेबसाइटों पर भारी डिस्काउंट, कैशबैक और नो- ईएमआइ आफर चल रहे हैं। ठग इसी का फायदा उठाकर लोगों को फर्जी वेबसाइटों और लिंक के जरिए जाल में फंसा रहे हैं। कई मामलों में लोग सस्ते दाम या विशेष आफर के चक्कर में फर्जी वेबसाइट पर भुगतान कर देते हैं और बाद में पता चलता है कि उनका खाता खाली हो गया।
ठगों के जाल से इस तरह करें बचाव
वेबसाइट का पता जांचें: यूआरएल में कंपनी का सही नाम और एसएसल सर्टिफिकेट (https://) की पुष्टि करें।
पेमेंट का विकल्प: महंगे सामान के लिए कैश आन डिलीवरी को प्राथमिकता दें।
लिंक पर क्लिक करने से पहले जांचें: किसी भी अज्ञात ई-मेल या एसएमएस लिंक पर क्लिक न करें।
इंटरनेट मीडिया पर सावधानी रखें: पेज के कमेंट्स और रिव्यू जरूर पढ़ें, संदिग्ध पेज से दूर रहें।
ठगों के तीन बड़े हथकंडे नामी
कंपनियों की डमी वेबसाइट बनाना: ठग बड़ी शापिंग कंपनियों के नाम से हूबहू वेबसाइट तैयार करते हैं। इंटरनेट मीडिया पर विज्ञापन डालते हैं और ग्राहकों को भारी डिस्काउंट का झांसा देते हैं।
अपनी नकली वेबसाइट बनाकर ठगी: कम खर्च में ठग खुद की वेबसाइट तैयार करते हैं और सस्ते उत्पादों का प्रचार करते हैं। भुगतान के बाद न तो सामान मिलता है और न ही पैसे वापस।
इंटरनेट मीडिया पेज से धोखाधड़ी: फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स (ट्विटर) पर शापिंग पेज बनाकर वे आकर्षक प्रोडक्ट्स बहुत कम दाम में दिखाते हैं। ये लिंक क्लिक करने पर बैंकिंग डिटेल्स चोरी कर लेते हैं।

